Episode Transcript
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सुप्रभात आपको
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पढ़कर सुना रही हूँ भद्रा सिन्हा
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की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक
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फैसले में राजद्रोह कानून निलंबित किया
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उम्मीद और अपेक्षा सरकार इस
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पर अमल करना बंद कर देंगी सुप्रीम
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कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह और कानून
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भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की
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धारा एक सौ चौबिस ए के
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तहत आरोपी संबंधी सभी लंबित है
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तीनों और कार्यवाही पर तब तक के
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लिए रोक लगा दी जब तक कि
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केंद्र अपने प्रावधानों को फिर से परखने
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की कवायद पूरी नहीं कर लेता है
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चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली
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सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच
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ने यह भी कहा कि न्याय के
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हित में उसे उम्मीद और अपेक्षा है
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कि जब तक कानून विचाराधीन है राज्य
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और केंद्र आईपीसी की धारा एक सौ
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चौबिस ए के तहत कोई
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नई प्राथमिकी दर्ज करने जांच जारी
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रखने या कोई अन्य सख्त कदम
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उठाने से परहेज करेंगे राष्ट्र और
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नागरिक स्वतंत्रता की सुरक्षा और अखंडता
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संतुलित करने जिसे कोर्ट ने एक
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कठिन प्रक्रिया बताया है उसके लिए
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बेंच ने कहा कि यदि कोई
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नया मामला दर्ज किया जाता है
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तो प्रभावित पक्ष उचित राहत के
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लिए संबंधित कोर्ट का दरवाजा खटखटाने
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के लिए आजाद होगा बेंच
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ने आदेश में कहा है कि ऐसी
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स्थिति में अदालतों से अपेक्षा है कि
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वह सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश
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को और कानून की समीक्षा को लेकर
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भारत सरकार के स्पष्ट रुख के
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मद्देनजर मांगी गई राहत पर विचार
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करेंगे उन मामलों
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के संदर्भ में जहां राजद्रोह का
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आरोप आईपीसी के अन्य धाराओं के
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साथ लगाया गया है पीठ ने
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कहा कि अदालतें अन्य धाराओं के
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तहत कार्यवाही जारी रख सकती
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है विक्टोरियन युग के राजद्रोह कानून
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के तहत कारावास या जुर्माना या
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दोनों का दंड निर्धारित है और
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ऐसा कोई भी शब्द चाहे बोले
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गए हों या लिखे गए हों
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या संकेतों द्वारा अथवा या
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इसका प्रयास साबित हो अथवा भारत
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में वेद सरकार के प्रति उत्तेजना
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फैलाने का कारण यह प्रयास बनी
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इसके दायरे में आते हैं गौरतलब
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है कि बेंच ने कानून की
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संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली
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कई याचिकाओं को स्वीकार किया था
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इसके जवाब में केंद्र ने सोमवार
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को एक हलफनामा दायर किया जिसमें
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उसने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि
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कानून पर अमल और दुरुपयोग को
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लेकर की जाने वाली आलोचना के
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मद्देनजर उसने आईपीसी की धारा एक
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सौ चौबिस ए के तहत प्रावधानों
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के फिर से समीक्षा का फैसला
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किया है इसलिए उसने बेंच से
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मामले में सुनवाई पर रोक लगाने
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का आग्रह किया सॉलिसिटर जनरल
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तुषार मेहता ने मंगलवार को केंद्र
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सरकार के हलफनामे का हवाला देते
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हुए शीर्ष स्तर पर लिए सरकार
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के फैसले को रेखांकित किया और
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बेंच से सुनवाई स्थगित करने को
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कहा याचिका कर्ताओं ने इस अपील
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का विरोध किया और दलील दी
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कि केंद्र के किसी अंतिम नतीजे
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तक पहुंचने से पहले इस कानून
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के तहत और गिरफ्तारियों पर रोक लगाई
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जाए के
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मेहता के अनुरोध पर सहमति जताई
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और माना कि केंद्र की तरफ
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से इस दिशा में गंभीर कोशिशें
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की जा रही हैं लेकिन साथ
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ही याचिकाकर्ताओं की चिंता को भी साझा
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किया कोर्ट
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ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि जिन लोगों
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के खिलाफ धारा एक सौ चौबिस ए के
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तहत पहले से मामले दर्ज हो चुके हैं
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केंद्र उनके हितों की रक्षा कैसे करेगा
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और क्या समीक्षा जारी रहने तक
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कानून को स्थगित रखा जा सकता
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है केंद्र के हलफनामे को संज्ञान
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में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने
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बुधवार को अपने आदेश में कहा कि
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यहां तक कि सरकार ने भी पूर्व
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में बेंच के इस विचार से सहमति
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जताई थी कि धारा एक सौ चौबिस
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जैसे कठोर प्रावधान मौजूदा सामाजिक परिदृश्य
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के अनुरूप नहीं हो सकते और
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यह कानून उस समय था जब
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देश औपनिवेशिक शासन के अधीन था
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बेंच ने कहा कि उसी के
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आलोक में भारत का कानून के उपरोक्त
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प्रावधानों पर पुनर्विचार कर सकता है
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साथ ही मामले में अटॉर्नी जनरल
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केके वेणुगोपाल की तरफ से पिछले
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हफ्ते पेश तथ्यों को भी संज्ञान
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में लिया पीठ की सहायता के
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लिए आए वेणुगोपाल ने पिछले महीने
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मुंबई में सांसद नवनीत कौर राणा
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और उनके विधायक पति रवि राणा
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की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए
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इस कानून के दुरुपयोग का एक
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उदाहरण बताया राणा दंपत्ति को महाराष्ट्र
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के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास
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के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ
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करने की कथित ऐलान के बाद गिरफ्तार
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किया गया था कोर्ट ने
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कहा इसीलिए हमें लगता है कि जब
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तक केंद्र की तरफ से प्रावधान की
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समीक्षा पूरी नहीं हो जाती तब तक
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भारत संकेत स्पष्ट रुख को देखते हुए
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कानून का उपयोग जारी नहीं रखना
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ही बेहतर होगा साथ ही धारा
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एक सौ चौबिस का दुरुपयोग रोकने
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के लिए राज्यों और केंद्र शासित
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प्रदेशों को निर्देश जारी करना केंद्र पर
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छोड़ दिया है कोर्ट ने कहा कि
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ऐसे निर्देश अगला आदेश पारित होने तक
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जारी रह सकते हैं बुधवार
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को अपनी दलीलों से शुरुआत करने
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वाली मेहता ने कानून पर अमल
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स्थगित करने की सूझी का जवाब
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दिया उन्होंने कहा कि आरोपी के
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मुताबिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट
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की संविधान पीठ ने उन्नीस सौ
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बासठ में बरकरार रखा था उसके
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तहत किसी संज्ञेय अपराध की स्थिति
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में मामले दर्ज किए जा सकते
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हैं उन्होंने आगे कहा कि दो हज़ार
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इक्कीस में विनोद दुआ मामले में सुप्रीम
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कोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देश
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पर ईमानदारी से अमल के लिए राज्यों
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को निर्देश भेजने के लिए
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तैयार है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने
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एक यूट्यूब शो को लेकर दिवंगत
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पत्रकार के खिलाफ राजद्रोह का मामला
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दर्ज किया था साथ ही उन्होंने
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कहा कि थी निर्देश भी जारी किए जाएंगे
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की धारा एक सौ [unk] के
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तहत पुलिस अधीक्षक की मंजूरी के
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बिना प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी
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जो राजद्रोह के आरोप में किसी
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व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किए
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जाने का कारण बताएगा मेहता ने
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बेंच को बताया कि अगर मामला
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किसी कोर्ट में जाता है तो
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वो एसपी जिम्मेदार होंगे एक बार
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अगर कोई मामला संगीन अपराध साबित
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हो गया और संविधान पीठ ने उसे
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वैध मान लिया कि सरकार या अदालतें
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अंतरिम आदेश के जरिए उस पर रोक
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नहीं लगा सकती है पेंडिंग
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मामलों पर मेहता ने बेंच से
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अदालतों को जमानत आवेदन जल्द निपटाने
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का निर्देश देने को कहा उन्होंने
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कहा कि मुकदमे की सुनवाई के
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दौरान प्राथमिकी में शामिल कथित
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अपराधों की गंभीरता जाने बिना
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मामलों की सुनवाई कर रहे
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जजों के न्यायिक विवेक पर सवाल
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खड़े करना उचित नहीं हो सकता मेहता
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ने कहा कि कोई [unk] ही अन्य
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आदेश पारित करना वस्तुत एक ऐसे
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प्रावधान के अमल पर रोक लगाने
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के बराबर होगा जिसे संविधान पीठ
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ने बरकरार रखा था साथ ही
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बताया कि केंद्र जुलाई से पहले
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अपनी समीक्षा प्रक्रिया पूरी करने में
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सक्षम नहीं होगा सॉलिसिटर जनरल ने
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आगे तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट
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के समक्ष याचिका देने वालों में भी
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कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिनके
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खिलाफ इस अपराध का आरोप लगाया गया
6:55
हो मेहता ने तर्क दिया कि किसी
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संज्ञेय अपराध के संदर्भ में किसी तीसरे
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पक्ष की तरफ से दाखिल जनहित याचिका
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के और सरकार पर कोई अंतरिम
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आदेश पारित करना एक नजीर बन
7:06
जाएगा इसी तरह की
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